शिवाजीप्रभात
Saturday, February 25, 2017
नियम
पाँच व्यक्तिगत नैतिकता (क) शौच - शरीर और मन की शुद्धि (ख) संतोष - संतुष्ट और प्रसन्न रहना (ग) तप - स्वयं से अनुशाषित रहना (घ) स्वाध्याय - आत्मचिंतन करना (च) ईश्वर-प्रणिधान - इश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण, पूर्ण श्रद्धा
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