Saturday, February 25, 2017

यम

पांच सामाजिक नैतिकता (क) अहिंसा - शब्दों से, विचारों से और कर्मों से किसी को हानि नहीं पहुँचाना (ख) सत्य - विचारों में सत्यता, परम-सत्य में स्थित रहना (ग) अस्तेय - चोर-प्रवृति का न होना (घ) ब्रह्मचर्य - दो अर्थ हैं: चेतना को ब्रह्म के ज्ञान में स्थिर करना सभी इन्द्रिय-जनित सुखों में संयम बरतना (च) अपरिग्रह - आवश्यकता से अधिक संचय नहीं करना और दूसरों की वस्तुओं की इच्छा नहीं करना

No comments:

Post a Comment