मई 1938 में नागपुर के संघ-शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी हो गये। 1939 फरवरी के अन्त में डा. हेडगेवार ने सिन्दी (वर्धा जिला विदर्भ प्रदेश)नामक स्थान पर संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें श्री गुरुजी उपस्थित थे। 22 मार्च को संघ कार्य हेतु वे कलकत्ता गये।
इस बीच डा. हेडगेवार का स्वास्थ्य गिरने लगा। श्री गुरुजी ने स्वामी श्री अखण्डानन्द जी की सेवा के समान ही डा. हेडगेवार की भी तन-मन से सेवा की। परन्तु स्वामी जी नहीं बचे किन्तु डाक्टर जी बच गये। पर वह पूर्णरूपेण स्वस्थ नहीं हो पाये। संभवत: इसी कारण से डाक्टर जी ने श्री गुरुजी की रक्षा बन्धान उत्सव के शुभ अवसर पर (दिनांक 13 अगस्त, 1939 के पावन दिवस पर ) 'सरकार्यवाह के पद पर नियुक्ति' की। यह गुरु पूजन और श्री गुरुजी का अधिकार ग्रहण साथ ही साथ हुआ। धीरे-धीरे डाक्टर जी ने अपना कार्यभार श्री गुरुजी को सौंपना प्रारम्भ कर दिया। 21 जून 1940 को मात्र 51 वर्ष की आयु में डा. हेडगेवार का देहावसान हो गया।
13वें दिन रेशम बाग संघ स्थान पर डाक्टर साहब को श्रध्दांजलि अर्पित करते हुए मध्य प्रान्त के संघचालक माननीय बाबा साहब पाध्ये जी ने घोषणा की, "परम पूज्यनीय डा. हेडगेवार जी की इच्छानुसार श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरुजी अब अपने सरसंघचालक हो गये
No comments:
Post a Comment