Saturday, February 25, 2017
नियम
यम
Friday, February 24, 2017
Vidyanjali
International day of Yoga
International Day of Yoga is also called as the World Yoga Day. The idea of International Day of Yoga was first proposed by the Honourable Prime Minister of India, Shri Narendra Modi, during his speech at the UNGA, on 27 September 2014. United Nations General Assembly declared 21st of June as the International Day of Yoga on 11th of December in 2014. Since 2015, 21st June is always celebrated as the International Day of Yoga all over the world. This year, on the occasion of International Day of Yoga, Ministry of AYUSH has decided to invite suggestions/ideas/plans/proposals from Youth/ Youth Clubs/Senior citizens/Professionals/State Governments/Yoga Schools etc. for Celebrating the International Day of Yoga-2017, which can be undertaken on that day.
Saturday, February 18, 2017
श्री गुरुजी - द्वितीय सरसंघचालक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री माधव राव सदाशिव राव गोलवरकर ( गुरूजी) का जन्म माघ कृष्ण 11 संवत् 1963 तदनुसार 19 फ़रवरी 1906 को महाराष्ट्र के रामटेक में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री सदाशिव राव तथा माता का श्रीमती लक्ष्मीबाई था। पिताश्री सदाशिव राव प्रारम्भ में डाक-तार विभाग में कार्यरत थे परन्तु बाद में सन् 1908 में उनकी नियुक्ति शिक्षा विभाग में अध्यापक पद पर हो गयी।
जब मात्र दो वर्ष के थे तभी से उनकी शिक्षा प्रारम्भ हो गयी थी। पिताश्री भाऊजी जो भी उन्हें पढ़ाते थे उसे वे सहज ही इसे कंठस्थ कर लेते थे।
सन् 1919 में उन्होंने 'हाई स्कूल की प्रवेश परीक्षा' में विशेष योग्यता दिखाकर छात्रवृत्ति प्राप्त की। सन् 1922 में 16 वर्ष की आयु में मैट्रिक उत्तीर्ण की।
सन् 1924 में उन्होंने नागपुरके 'हिस्लाप कॉलेज' से विज्ञान विषय में इण्टरमीडिएट की परीक्षा विशेष योग्यता के साथ उत्तीर्ण की। अंग्रेजी विषय में उन्हें प्रथम पारितोषिक मिला।
वे भरपूर हाकी तो खेलते ही थे कभी-कभी टेनिस भी खेल लिया करते थे। इसके अतिरिक्त व्यायाम का भी उन्हें शौक था। मलखम्ब के करतब, पकड़ एवं कूद आदि में वे काफी निपुण थे।
विद्यार्थी जीवन में ही उन्होंने बाँसुरी एवं सितार वादन में भी अच्छी प्रवीणता हासिल कर ली थी।
Friday, February 17, 2017
सांख्य दर्शन के 25 तत्व
आत्मा (पुरुष)
अंत:करण (4) : मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार
ज्ञानेन्द्रियाँ (5) : नासिका, जिह्वा, नेत्र, त्वचा, कर्ण कर्मेन्द्रियाँ (5) : पाद, हस्त, उपस्थ, पायु, वाक् तन्मात्रायें (5) : गन्ध, रस, रूप, स्पर्श, शब्द
महाभूत (5) : पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश
श्री गुरुजी - सरसंघचालक
मई 1938 में नागपुर के संघ-शिक्षा वर्ग के सर्वाधिकारी हो गये। 1939 फरवरी के अन्त में डा. हेडगेवार ने सिन्दी (वर्धा जिला विदर्भ प्रदेश)नामक स्थान पर संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें श्री गुरुजी उपस्थित थे। 22 मार्च को संघ कार्य हेतु वे कलकत्ता गये।
इस बीच डा. हेडगेवार का स्वास्थ्य गिरने लगा। श्री गुरुजी ने स्वामी श्री अखण्डानन्द जी की सेवा के समान ही डा. हेडगेवार की भी तन-मन से सेवा की। परन्तु स्वामी जी नहीं बचे किन्तु डाक्टर जी बच गये। पर वह पूर्णरूपेण स्वस्थ नहीं हो पाये। संभवत: इसी कारण से डाक्टर जी ने श्री गुरुजी की रक्षा बन्धान उत्सव के शुभ अवसर पर (दिनांक 13 अगस्त, 1939 के पावन दिवस पर ) 'सरकार्यवाह के पद पर नियुक्ति' की। यह गुरु पूजन और श्री गुरुजी का अधिकार ग्रहण साथ ही साथ हुआ। धीरे-धीरे डाक्टर जी ने अपना कार्यभार श्री गुरुजी को सौंपना प्रारम्भ कर दिया। 21 जून 1940 को मात्र 51 वर्ष की आयु में डा. हेडगेवार का देहावसान हो गया।
13वें दिन रेशम बाग संघ स्थान पर डाक्टर साहब को श्रध्दांजलि अर्पित करते हुए मध्य प्रान्त के संघचालक माननीय बाबा साहब पाध्ये जी ने घोषणा की, "परम पूज्यनीय डा. हेडगेवार जी की इच्छानुसार श्री माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य श्री गुरुजी अब अपने सरसंघचालक हो गये